यह कहानी गोम्पा गांव की है जहाँ धीरे-धीरे रोशनी गायब हो रही है। इसका कारण बर्बाद हो रही ऊर्जा है। समय की जरुरत को देखते हुए गाओं के बच्चे – आद्या और उसके दोस्त “ऊर्जा रक्षक” बनते हैं और गांव वालों को ऊर्जा बचाने के तरीके अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। यह कहानी SDG 7: किफायती और स्वच्छ ऊर्जा और मिशन LiFE की समझदारीपूर्ण ऊर्जा उपयोग के संदेश को बताती है। यह छोटे-छोटे प्रयासों की ताकत दिखाती है जिससे एक उज्जवल भविष्य बनाया जा सकता है ।
लेखक: शालिनी वर्मा और स्नेह आनंद
पेपरबैक: 36 पृष्ठ
प्रकाशक: बुक्स33 (2021)
भाषा: हिंदी
ISBN 978-81-982434-2-3
मुल्य: 350
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