‘मैं हूँ क्रॉकी मगरमच्छ’ एक रोमांचक कहानी है। यह ताकतवर मगरमच्छ क्रॉकी की कहानी है। क्रॉकी को भयानक दांत दर्द होता है, जिससे उसका जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो जाता है।
दर्द से परेशान होकर, वह छोटे ‘डेंटिस्ट’ पक्षियों की मदद लेता है और अपने दांत दर्द से छुटकारा पाता है। इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि सहयोग से सामंजस्य और संतुलन बनता है जिससे बड़े से बड़े समस्याओं का समाधान किया जा सकता है ।
यह कहानी सतत विकास लक्ष्य 17 (SDG17), यानी ‘लक्ष्यों के लिए साझेदारी’ (Partnerships for the Goals) एवं मिशन LiFE के सामूहिक प्रयास और स्थायी जीवन के सिद्धांतों पर आधारित है जो पाठकों को टीमवर्क और आपसी निर्भरता के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करती है।
लेखक: केटी बागली और शालिनी वर्मा
पेपरबैक: 36 पृष्ठ (2023)
प्रकाशक: बुक्स33
संशोधित संस्करण: 2025
भाषा: अंग्रेजी
ISBN: 978-81-982900-8-3
मुल्य: 350
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