‘भूमि अम्मा’ एक प्रेरणादायक कहानी है। यह भूमि की कहानी है, जो एक मेहनती बैंक कर्मचारी है। वह अपनी नौकरी के साथ साथ माँ होने की जिम्मेदारी के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती है।
कई मुश्किलों के बावजूद, भूमि अपनी मेहनत और लगन से अपने काम में सफलता पाती है। साथ ही वह अपने परिवार के साथ मजबूत रिश्ता भी बनाए रखती है।
यह कहानी सतत विकास लक्ष्य 8 (SDG8), यानी ‘सम्मानजनक काम और आर्थिक विकास’ (Decent Work and Economic Growth) से प्रेरित है। इसमें समावेशी कार्यस्थलों का महत्व बताया गया है, जहां खासकर महिलाओं को अपनी निजी इच्छाओं का त्याग किए बिना आगे बढ़ने का मौका मिलता है।
मिशन LiFE के समावेश और सतत विकास के सिद्धांतों के साथ, भूमि की यह यात्रा काम और जीवन के बीच संतुलन बनाने, समान अवसर देने और महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक योगदान को पहचानने की प्रेरणा देती है।
लेखक: पूजा गुप्ता महुरकर और शालिनी वर्मा
पेपरबैक: 36 पृष्ठ (2023)
प्रकाशक: बुक्स33
संशोधित संस्करण: 2025
भाषा: अंग्रेजी
ISBN 978-81-983298-5-1
मुल्य: 350
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