31 अक्टूबर को हर साल भारत के पहले गृहमंत्री ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’ की जयंती मनाई जाती है।
2014 से इस तिथि को भारत सरकार ने ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में घोषित किया और तब से ही 31 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है।
गौरतलब है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल को ‘लौह पुरुष’ के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस को भारत में व्याप्त विविधताओं के मद्देनजर राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की भावना के रूप में मनाया जाता है। प्रख्यात है कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के गृहमंत्री का पद संभालने के बाद खंड-खंड भारत को एक करने का काम किया था, राष्ट्र के एकीकरण का काम किया था।
भाषा, बोली और संस्कृति से विविध भारतीय समाज को एक राष्ट्र के रूप में संरचित करना, यह एक बहुत ही कठिन काम था, पर पटेल ने इस काम को अपनी सूझबूझ, अनुभव, कूटनीति और साहस से कर दिखाया। यही कारण है कि एकीकृत और संगठित भारत की बात जब भी की जाती है तो इनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने स्वतंत्रता आंदोलन में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। सभी जानते हैं कि गांधी के सबसे विश्वासी और आज्ञाकारी लोगों में से नेहरू और पटेल ही थे। पटेल ने गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए किए गए तमाम आंदोलनों में हिस्सा लिया। पटेल एक बड़े किसान नेता के रूप में भी प्रसिद्ध थे। बिहार, बंगाल, उत्तरप्रदेश और गुजरात के कई किसान आंदोलनों में इन्होंने हिस्सा लिया और देश की आजादी की मांग को मजबूती प्रदान की।
Sardar Vallabhai Patel will always be remembered.