आजी का अचम्भा

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‘आजी का अचम्भा’ एक मजेदार कहानी है जो एक समान भविष्य बनाने में महिलाओं की भूमिका को दर्शाती है। कहानी की मुख्य पात्र आजी (दादी) हैं। आजी समाज के संकीर्ण परम्पराओं को तोड़ती हैं और सबको अपने एक साहसी और प्रेरक निर्णय से चौंका देती हैं।

यह कहानी सतत विकास लक्ष्य 5 (SDG5), यानी ‘लैंगिक समानता’ (Gender Equality) से प्रेरित है। इसमें बताया गया है कि क्यों एक खुशहाल और ससक्त समाज के निर्माण के लिए रूढ़िवादी सोच को तोड़ना, दकियानूसी से बाहर निकलना और सभी को समान अवसर देना जरूरी है।

आजी अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प से अपने परिवार में अपनी एक ख़ास जगह बनाती हैं और हमें बदलाव अपनाने और महिलाओं की असीम संभावनाओं को पहचानने की प्रेरणा देती हैं। यह आजी के उत्साह और साहस की कहानी है।

मिशन LiFE के समावेश और सशक्तिकरण के सिद्धांतों पर आधारित, यह कहानी महिलाओं की दृढ़ता और उनके बदलाव लाने की शक्ति को सलाम करती है।

लेखक: पूजा गुप्ता महुरकर और शालिनी वर्मा
पेपरबैक: 36 पृष्ठ (2023)
प्रकाशक: बुक्स33

संशोधित संस्करण: 2025

ISBN: 978-81-983298-4-4

मुल्य:  350

‘आजी का अचम्भा’ एक मजेदार कहानी है जो एक समान भविष्य बनाने में महिलाओं की भूमिका को दर्शाती है। कहानी की मुख्य पात्र आजी (दादी) हैं। आजी समाज के संकीर्ण परम्पराओं को तोड़ती हैं और सबको अपने एक साहसी और प्रेरक निर्णय से चौंका देती हैं।

यह कहानी सतत विकास लक्ष्य 5 (SDG5), यानी ‘लैंगिक समानता’ (Gender Equality) से प्रेरित है। इसमें बताया गया है कि क्यों एक खुशहाल और ससक्त समाज के निर्माण के लिए रूढ़िवादी सोच को तोड़ना, दकियानूसी से बाहर निकलना और सभी को समान अवसर देना जरूरी है।

आजी अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प से अपने परिवार में अपनी एक ख़ास जगह बनाती हैं और हमें बदलाव अपनाने और महिलाओं की असीम संभावनाओं को पहचानने की प्रेरणा देती हैं। यह आजी के उत्साह और साहस की कहानी है।

मिशन LiFE के समावेश और सशक्तिकरण के सिद्धांतों पर आधारित, यह कहानी महिलाओं की दृढ़ता और उनके बदलाव लाने की शक्ति को सलाम करती है।

लेखक: पूजा गुप्ता महुरकर और शालिनी वर्मा
पेपरबैक: 36 पृष्ठ (2023)
प्रकाशक: बुक्स33

संशोधित संस्करण: 2025

ISBN: 978-81-983298-4-4

मुल्य:  350

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